IND VS AUS KOHLI FLOP SHOW
strat date 23/10/2025 location Australia
IND vs AUS: कोहली का फ्लॉप शो (0 रन) और भारत की 2-0 से सीरीज हार
आज, 23 अक्टूबर 2025 को एडिलेड ओवल में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए दूसरे वनडे (ODI) मैच का नतीजा भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए दोहरी मार लेकर आया। न सिर्फ भारत यह मैच 2 विकेट से हारा, बल्कि 3 मैचों की सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने 2-0 की अजेय बढ़त बनाकर **सीरीज पर भी कब्ज़ा** कर लिया है।
264 रनों का स्कोर, जिस पर भारतीय टीम को भरोसा था, उसे ऑस्ट्रेलिया ने 46.2 ओवर में हासिल कर लिया। यह हार एक बार फिर बड़े मैचों में भारतीय टीम के दबाव को झेलने की अक्षमता और रणनीतिक चूक को दर्शाती है। आइए, इस करारी हार के सबसे मुख्य कारणों का विस्तृत विश्लेषण करते हैं, जैसा कि टैगलाइन कहती है: "कोहली का फ्लॉप शो, इंडिया की हार का सबसे बड़ा कारण"।
हार का मुख्य कारण 1: विराट कोहली का 'ज़ीरो' पर आउट होना—सबसे बड़ा सदमा
विराट कोहली भारतीय बल्लेबाजी क्रम की सबसे बड़ी ताकत और दीवार हैं। उनका क्रीज पर रहना न सिर्फ विपक्षी गेंदबाजों पर दबाव बनाता है, बल्कि मध्यक्रम के बल्लेबाजों को भी आत्मविश्वास देता है। लेकिन आज, कोहली का प्रदर्शन निराशाजनक नहीं, बल्कि **घातक (lethal)** साबित हुआ।
- ज़ीरो पर आउट: कोहली बिना खाता खोले, सिर्फ दो गेंदों का सामना करते हुए, ज़ेवियर बार्टलेट की गेंद पर आउट हो गए। यह एक ऐसा "गोल्डन डक" था जिसने पूरी टीम का मनोबल तोड़ दिया।
- दबाव का ट्रांसफर: कोहली तब आए जब रोहित शर्मा (73) और शुभमन गिल के आउट होने के बाद पारी को संभालने की जरूरत थी। उनके तुरंत आउट होने से सारा दबाव श्रेयस अय्यर और केएल राहुल पर आ गया, जिससे वे खुलकर नहीं खेल पाए और रन गति धीमी हो गई।
- 300+ का सपना टूटा: कोहली के आउट होने से वह नींव हिल गई, जिस पर भारत 300+ का स्कोर खड़ा कर सकता था। 264 का स्कोर उस पिच पर एक प्रतिस्पर्धी स्कोर नहीं था।
हार का मुख्य कारण 2: रोहित का तूफ़ान और उसके बाद मध्यक्रम में ठहराव
कप्तान रोहित शर्मा ने 57 गेंदों में 73 रन बनाकर टीम को जैसी शानदार शुरुआत दी थी, उसे मध्यक्रम (Middle Order) भुना नहीं पाया। रोहित के आउट होते ही, रन गति पर ब्रेक लग गया।
श्रेयस अय्यर (61) और केएल राहुल (39) ने साझेदारी तो की, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के स्पिनरों (Zampa) के सामने वे बाउंड्री लगाने में नाकाम रहे। इस धीमी गति ने ऑस्ट्रेलिया को मैच में वापसी का पूरा मौका दे दिया, और भारत एक बड़ा स्कोर खड़ा करने से चूक गया।
हार का मुख्य कारण 3: गेंदबाज़ी की नाकामी और 2-0 से सीरीज़ पर ऑस्ट्रेलिया का कब्ज़ा
एडिलेड में भारत की यह हार सिर्फ एक मैच का नुकसान नहीं है। 3 मैचों की सीरीज़ में 2-0 की अजेय बढ़त के साथ, ऑस्ट्रेलिया ने यह सीरीज़ अपने नाम कर ली है। इस निर्णायक हार में भारतीय गेंदबाजी इकाई की उस विफलता को दर्शाती है, जहाँ 264 का बचाव करने के लिए आवश्यक आक्रामकता और सटीकता नहीं दिखी।
गेंदबाज़ी में कहाँ हुई चूक:
- शुरुआती ब्रेकथ्रू का न मिलना: रोहित की तूफानी बल्लेबाज़ी के बाद, सारा दारोमदार गेंदबाज़ों पर था। मगर **मोहम्मद सिराज** (10-0-49-0) और **अर्शदीप सिंह** (8.2-0-41-2) शुरुआती ओवरों में वह दबाव नहीं बना पाए। **ट्रेविस हेड** (74) और **मैट शॉर्ट** (30) ने आसानी से पारी की नींव रखी, और उन्हें शुरुआती झटके नहीं लगे।
- स्पिनर्स का बेअसर होना: **वाशिंगटन सुंदर** ने भले ही दो विकेट लिए, लेकिन बीच के ओवरों में भारतीय स्पिनर्स वह **घुमाव या ज़ोर** पैदा नहीं कर पाए जिससे रन गति पर अंकुश लगता।
- फिनिशिंग ओवरों में ढीलापन: ऑस्ट्रेलिया को अंत तक मैच खींचने का मौका मिला, और उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाया। भारतीय गेंदबाजों ने फिनिशिंग ओवरों में रन लीक किए, जिससे अंतिम विकेटों के साथ भी ऑस्ट्रेलिया ने तेज़ी से लक्ष्य हासिल किया।
हार का मुख्य कारण 4: ऑस्ट्रेलिया की मास्टर-रणनीति और ट्रेविस हेड का प्रदर्शन
भारत की हार का दूसरा पहलू ऑस्ट्रेलिया की सटीक और संयमित रणनीति थी। 265 रनों का पीछा करते हुए, ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाज़ी ने एक बार फिर दिखाया कि बड़े लक्ष्य का पीछा कैसे किया जाता है।
ऑस्ट्रेलियाई मास्टरस्ट्रोक:
- लक्ष्य का सही आकलन: ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ जानते थे कि लक्ष्य न तो बहुत बड़ा है और न ही बहुत छोटा। उन्होंने **ट्रेविस हेड** की आक्रामक पारी के साथ शुरुआत की, जिन्होंने 75 गेंदों में 74 रन बनाकर जीत की नींव रखी।
- दबाव में साझेदारी: हेड के आउट होने के बाद, **कूपर कॉनली** (61) और निचले क्रम के बल्लेबाजों ने शानदार संयम दिखाया। 8 विकेट गिरने के बावजूद, ऑस्ट्रेलियाई टीम घबराई नहीं और सुनिश्चित किया कि कोई भी छोटा खिलाड़ी मैच को अंतिम क्षणों तक ले जाए और जीत दिलाए।
- मैच विनर की पहचान: ऑस्ट्रेलिया ने हर मुश्किल स्थिति से मैच निकालने वाले खिलाड़ी पर भरोसा किया और यह सफल रहा।
हार का मुख्य कारण 5: मिडिल ऑर्डर की विफलता और निराशाजनक धीमी गति
जब कप्तान **रोहित शर्मा** ने 73 रनों की तेज़ शुरुआत दी और **विराट कोहली** सस्ते में आउट हो गए, तो सारी ज़िम्मेदारी मिडिल ऑर्डर पर आ गई। यहाँ से टीम को एक मज़बूत साझेदारी के साथ-साथ रन रेट को 5.5 या 6 तक बनाए रखने की ज़रूरत थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
मध्यक्रम की मुख्य कमियाँ:
- स्ट्राइक रोटेशन में चूक: **श्रेयस अय्यर** (61) और **केएल राहुल** (39) जैसे सेट बल्लेबाजों ने कई ओवरों तक बाउंड्री लगाना छोड़ दिया। ऑस्ट्रेलिया के स्पिनरों, खासकर **ज़म्पा** (10-0-60-4) ने उन्हें बांधे रखा, जिससे रन-रेट 5.28 (पूरे 50 ओवर में) तक सीमित रह गया। 264 का स्कोर आज की ODI क्रिकेट में एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य नहीं माना जाता है।
- लोअर मिडिल ऑर्डर का फ्लॉप होना: **अक्षर पटेल** और **वॉशिंगटन सुंदर** (जिन्होंने बाद में गेंद से अच्छा किया) बल्ले से अपेक्षित योगदान नहीं दे पाए। **नितीश रेड्डी** जैसे खिलाड़ी भी तेजी से रन जोड़ने में असफल रहे। इससे यह साबित होता है कि टॉप-3 के फ्लॉप होने पर टीम इंडिया के पास पर्याप्त बैकअप नहीं है।
- फिनिशिंग में कमी: 40वें ओवर के बाद जब तेज़ी से रन बनाने की ज़रूरत थी, तब कोई भी बल्लेबाज 'पावर-हिटिंग' नहीं कर पाया। यही कारण था कि भारत 280-290 के स्कोर तक भी नहीं पहुँच पाया।
हार का मुख्य कारण 6: फील्डिंग और कप्तानी के फैसलों पर दबाव
फाइनल जैसे या निर्णायक मैच में छोटी-छोटी गलतियाँ भी भारी पड़ सकती हैं। हालाँकि भारतीय टीम की फील्डिंग आमतौर पर शानदार रही है, लेकिन इस मैच में कुछ ऐसे पल आए जिन्होंने मैच का रुख मोड़ा।
- कैच और मिसफील्ड: महत्वपूर्ण क्षणों में कैच छोड़े गए और कुछ खराब थ्रो भी देखने को मिले, जिसने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को अतिरिक्त जीवनदान और रन दिए। ये अतिरिक्त रन 2 विकेट की हार में निर्णायक साबित हुए।
- गेंदबाजी रोटेशन: जब **ट्रेविस हेड** और **कॉनली** ने साझेदारी बनाई, तब भारतीय कप्तान ने शायद गेंदबाजों को बदलने में थोड़ा विलंब किया। लगातार दबाव बनाने के लिए प्रमुख गेंदबाजों को बीच के ओवरों में इस्तेमाल करने की रणनीति में चूक दिखी।
- दबाव का असर: सीरीज़ जीतने का दबाव साफ तौर पर भारतीय टीम पर हावी था, जिसके चलते बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों में कुछ गलत और जल्दबाजी वाले फैसले लिए गए।












